एक गीत…
खुद पे लिखूँ,
दिल करता है बहुत,
इन दिनों,
खुद से खो जाने का,
खतरा है बहुत,
जिन्हें देखा, जिन्हें परखा,
उन्हें चाहा है बहुत,
बात इतनी सी है,
प्यार उन्हें अखरा है बहुत,
जिनके आने तक,
नींद ने न दी दस्तक,
उन्हें शिकायत है कि,
उन पर मेरी आँखों का,
पहरा है बहुत।
मेरे ख्वाबों में जो,
कभी चैन से रहा करते थे,
वे कहते है अब,
ख्वाबों से खतरा है बहुत।