Monthly archive

June 2019

क्या लिखूं?

in poems

तुम्हारे  दर्द को पी लूं , उन्हे कुछ राहतें दे दूं। मैं किस्सा ए कहर लिखूं , या तेरा सबर लिखूं। भिगोया है, कलम को मैंने, ज़ज़्बातो की स्याही से , सच्चाई दर-बदर कर दूं? या फिर मौन अनवरत रखूं।

Keep Reading

अष्टांग योग

in poems

वैदिक ज्ञान है, वरदान। इन बातों का रखें ध्यान, नित्य योग और ध्यान करें, थोड़ा सा ‘प्राणायाम’ करें। ‘यम’, ‘नियम’ और ‘आसन’ से, जीवन में आनंद भरें, ‘प्रत्याहार,’ ‘धारणा’ से, स्वयं का उत्कर्ष करे, ‘ध्यान’, ‘समाधि’ से फिर जुड़ कर, जीवन परमानंद करे।  

Keep Reading

क्रिकेट की बात

in poems

खेल का मैदान हो, या युद्ध का आह्वान हो, खेल कर पछाड़ दो, युद्ध हो दहाड़ दो। फिर क्रिकेट की बात हो, या कश्मीर पर आघात हो। धूल हम चटाएगें, प्रतिद्वंद्वी उठ न पाएंगे। शेर ए हिन्द सज्ज हो, जीत में निमज्ज हो।

Keep Reading

सुनंदा बुआ

in Stories

सुनंदा बुआ, जिन्हें पूरा मोहल्ला इसी नाम से पुकारता था, यहां तक कि तीन पीढ़ियों तक के लोग यानि कि बाप, बेटे और  पोते सभी लोग उन्हें इसी नाम से जानते थे। किसी के घर की कितनी भी खुफिया जानकारी हो, सुनंदा बुआ के आंख,कान,नाक से छिप नहीं सकती थी। कोई कितना भी अपने घर…

Keep Reading

देश का चौकीदार

in poems

🔥 आग में तपकर ही सोना भी, अपना मूल्य बताता है। तेज धार पर घिस घिसकर ही, हीरा चमक दिखाता है। जीवन भी कुछ ऐसा ही है। जो हमको ये सिखाता है, संघर्ष आंच में तपकर मानव, उच्च शिखर पर जाता है। देश का सेवक बनकर जो, जनकल्याण कर पाता है। तभी तो ‘चौकीदार’ भी,…

Keep Reading

अमावस की रात

in Stories

अमावस का घनघोर अंधेरा और बांसुरी पर  बजती कोई मीठी सी धुन ,ना जाने किस रूह को किसकी तलाश है, किसका दर्द सिसकियां लेता है, रोज रात के सन्नाटे में, यह किस रूह की तड़प बांसुरी की धुन में सुनाई देती है, यहां के लोगों से सुना है, कि किसी बांसुरी वादक की रूह यहां…

Keep Reading

ओ,सखि………!

in poems

बात दिल की तुम अपनी, छुपाया न करो। बात जो भी हो, वो तुम बताया करो। बातों बातों में ही, रूठ जाती हो, दर्द के समंदर में, डूब जाती हो। कभी रेत के सहरा पे भी, आ जाया करो। रेत में भी खिलते हैं, कांटों पे फूल, जिन्हें देखकर उम्मीदें, जगाया करो। हर बात  का…

Keep Reading

Go to Top