शांता ताई
शांता ताई उम्र के उस पड़ाव पर थी, जब व्यक्ति अपने गृहस्थ जीवन की जिम्मेदारियां पूर्ण कर अपने जीवन के फुर्सत के क्षणों से उपजे खालीपन को अपनों के सानिध्य से और भगवत भजन से भर लेना चाहता है| लेकिन रिक्तता कि अनुभूतियों से रिक्त हो पाना, उच्च कोटि का अध्यात्म होता है| जिसे पाना,…
दोषी कौन ?
राघव की उम्र यही कोई 18 वर्ष की रही होगी ,घर में सिर्फ दादी और पोता राघव |आपस में लड़ते झगड़ते, लाड़- दुलार करते ,हंसी-खुशी के पल बिता रहे थे |लेकिन अचानक दादी की तबीयत बिगड़ी और वेैद्य ने उनके अंतिम समय का एलान कर दिया |अब दादी को यह चिंता हो गई कि, राघव…
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दुनियादारी
कुछ नर्म से रिश्तो का ,अधूरा सा फसाना है। ग़र समझ सको ,समझना ,यह दर्द पुराना है। जब साथ हो

जीवन चक्र
आस-पास बिखरे रंगों में, बादल पर्वत और उपवन में, जीवन विस्तारित होता हर कण में, इनमें गुंजित ध्वनियां देखो क्या

सूरज
हर सुबह उम्मीदों का सूरज, उगता ढलता दे जाता है , कुछ स्वप्न नये, कुछ पंख नये, कुछ अरमानों के
सुनंदा बुआ
सुनंदा बुआ, जिन्हें पूरा मोहल्ला इसी नाम से पुकारता था, यहां तक कि तीन पीढ़ियों तक के लोग यानि कि बाप, बेटे और पोते सभी लोग उन्हें इसी नाम से जानते थे। किसी के घर की कितनी भी खुफिया जानकारी हो, सुनंदा बुआ के आंख,कान,नाक से छिप नहीं सकती थी। कोई कितना भी अपने घर…
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अमावस की रात
अमावस का घनघोर अंधेरा और बांसुरी पर बजती कोई मीठी सी धुन ,ना जाने किस रूह को किसकी तलाश है, किसका दर्द सिसकियां लेता है, रोज रात के सन्नाटे में, यह किस रूह की तड़प बांसुरी की धुन में सुनाई देती है, यहां के लोगों से सुना है, कि किसी बांसुरी वादक की रूह यहां…
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छठ पूजा
सुबह सवेरे प्रथम किरण के , पहले उठकर सज जाना , फिर छठ की पूजा को तत्पर, नदी किनारे पर

साझेदारी
मेरे बाबा ,जिनके गुस्से से घर में मेरी मां और सारे भाई बहन डरते थे ।वो जब किसी बात पर

हिंदी भाषा की व्यथा
मैं हिंदी भाषा हूं, आजकल कुछ उदास सी रहती हूं, क्योकि मेरे अपनों ने मेरी परवाह करना छोड़ दिया है
तबस्सुम आपा
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बीती बातें
याद आती हैं, बीती बातें, खट्टी मीठी कड़वी यादें, जीवन में आगे बढ़ते भी, छूट कहां पाती हैं यादें। प्रासंगिक

दोषी कौन ?
राघव की उम्र यही कोई 18 वर्ष की रही होगी ,घर में सिर्फ दादी और पोता राघव |आपस में लड़ते
गुरु शिष्य संवाद
१२ वर्ष तक गुरुकुल में रह कर शिक्षा प्राप्त करने के बाद शिष्य के जब घर जाने का समय आया,तब शिष्य ने गुरुजी से पूछा,कि गुरुदेव कृपया सांसारिक जीवन को स्वर्ग जैसा सुखद बनाने का उपाय तो बताएं,ताकि जीवन में कष्ट का आगमन न होने पाएं। गुरु ने कहा,कि तुम जीवन के प्राकृतिक नियमों के…
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सूरज
हर सुबह उम्मीदों का सूरज, उगता ढलता दे जाता है , कुछ स्वप्न नये, कुछ पंख नये, कुछ अरमानों के
राजा भोज
राजा भोज जब 5 वर्ष के थे, तब उनके पिता बहुत बीमार हो गए थे। बहुत उपचार के बाद भी जब राजा की तबीयत में संतोषजनक सुधार न हुआ, तब राजा ने अपने भाई मुंज को बुलवाया और कहा कि मेरा पुत्र भोजराज अभी बहुत छोटा है, इसके राज्य संभालने लायक होने तक, राज्य…
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विडंबना
रक्तिम है कुरुक्षेत्र की माटी , चीख रही है अब भी घाटी, कर्तव्यों से आंख मूंदकर, बन जाना गांधारी ,

दोषी कौन ?
राघव की उम्र यही कोई 18 वर्ष की रही होगी ,घर में सिर्फ दादी और पोता राघव |आपस में लड़ते
गांँव वाली चाची
आज बरसों पीछे मन भाग रहा है,तो सोचा उन बीते स्वर्णिम पलों से डायरी के पन्ने स्याह कर लूँ। विवाह के 2 वर्ष पश्चात में अपने पति और छः माह की बिटिया के साथ लमही रहने के लिए आ गई, फलों का बगीचा और सामने फूलों और हरी घास के लॉन वाला हवेली नुमा घर…
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बीती बातें
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दोषी कौन ?
राघव की उम्र यही कोई 18 वर्ष की रही होगी ,घर में सिर्फ दादी और पोता राघव |आपस में लड़ते
अकथ
जीवन की देहरी पर सोलहवाँ बसंत उतरा और अचानक ही मधु की दुनिया के सारे रंग गुलाबी हो गए । सपनों का सावन आंखों में ठहर गया,खुशबू का मौसम सांसों में पैठ गया, दिन तितली हो गए, और जीवन अनूठा प्रेम राग। किसे भूलती है, वह पहली दस्तक, वह पहली आहट, वह प्रथम आकर्षण की…
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दुनियादारी
कुछ नर्म से रिश्तो का ,अधूरा सा फसाना है। ग़र समझ सको ,समझना ,यह दर्द पुराना है। जब साथ हो

साथ तेरे
जो समय बिताया, साथ तेरे, वो समय नहीं छोड़ा मैं ने, वो हरपल मेरे साथ रहा, तेरी यादों के एहसास

छठ पूजा
सुबह सवेरे प्रथम किरण के , पहले उठकर सज जाना , फिर छठ की पूजा को तत्पर, नदी किनारे पर