अरे! केशव…,आओ न,
प्रतीक्षारत नयन मेरे,
भींगे भींगे से क्यूँ है ?
बताओ न…,
घाव गहरे है, जीवन पे पहरे है,
अगर लगा सको तो,
थोड़ी मरहम लगाओ न,
केशव…,आओ न,
आगत भविष्य तो पता नही,
बीता अतीत भी रिसा नही,
बूँद बूँद जो रीत रहा जीवनघट,
वो भर जाओ न,केशव…,आओ न,
कुछ पल साथ बिताओ न,
देखो…, वो दूर …, आसमान में फैले,
सतरंगी धनुओ को,
मेरा जीवन क्यूँ श्वेत श्याम… है?
बताओ न…केशव…,आओ न |