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India patriotism

हिंदी भाषा की व्यथा

in Blogs

मैं हिंदी भाषा हूं ,आजकल कुछ उदास सी रहती हूं, क्योंकि मेरे अपनों ने मेरी परवाह करना छोड़ दिया है। लेकिन हमेशा से ऐसा नहीं था, मैंने जीवन का बेहद सुनहरा दौर भी देखा है ।मैंने महादेवी वर्मा ,जयशंकर प्रसाद और निराला जैसे महान छायावादी कवियों का दौर भी देखा है । वो मेरी खुशनुमा…

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गणतंत्र के उपासक

in poems

गणतंत्र के उपासक , हम लोग जानते हैं , बंधुत्व की ध्वजा का , हर रंग पहचानते हैं , प्रकृति ने जब से भेजा , हम सबको इस धरा पर , तब से ही हम लहू का, भी रंग जानते हैं । काला हो या हो गोरा , सूरते पंथ भी अलग हो , इंसानियत…

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स्वदेश

in poems

है राम की धरा ये, अपना स्वदेश प्यारा, अर्पित करेंगें तन मन, संकल्प है हमारा, अविचल अडिग रहेंगे, आए कोई भी झंझा , हर घात से लड़ेंगे , हो प्रात या हो संझा। स्वाधीनता का परचम, ये याद है दिलाता , बलिदान और लहू का, इतिहास है बताता। कीमत चुकाई है जब, कई पीढ़ियों ने…

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आरक्षण

in poems

स्वतंत्रता की स्वर्ण-जयन्ती को, बीत गए कई साल। जातिवाद के आरक्षण से, प्रतिभाएं अब भी बेहाल। श्रम का हो सम्मान, सभी को अवसर मिलें समान। अभिनन्दित हो युवा देश का, हो प्रतिभाएं गतिमान। एक बार फिर ज्ञानमार्ग जब, प्रक्षालित हो जाएगा। फिर से अपना देश,ये “भारत” विश्व गुरु बन जाएगा।

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व्योम,……धरा से।

in poems

  हंस कर कहता, व्योम, धरा से। सूरज चांद सितारे, ये हैं मेरे सारे । तेरे अपने कौन ? बता मुझे, न रह मौन। धरती ने ली अंगड़ाई, फिर थोड़ी शरमाई, अगणित चांद सितारे मेरे, क्यूं जलता है भाई ? मोदी ने भारत चमकाया, राष्ट्रवाद परचम लहराया। जिसकी चमकीली ऊर्जा ने, ऊंच नीच का भेद…

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क्रिकेट की बात

in poems

खेल का मैदान हो, या युद्ध का आह्वान हो, खेल कर पछाड़ दो, युद्ध हो दहाड़ दो। फिर क्रिकेट की बात हो, या कश्मीर पर आघात हो। धूल हम चटाएगें, प्रतिद्वंद्वी उठ न पाएंगे। शेर ए हिन्द सज्ज हो, जीत में निमज्ज हो।

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