यदि धन की पूजा,अमरता दिलाती?
तो रावण की लंका कभी जल न पाती।
वो रावण भी अब तक,इस धरती पे होता,
कोरोना के कारण ही भयभीत होता ।
प्रकृति की ही पूजा,उद्धारक बनेगी,
तब जीवन बचेगा,जब धरती बचेगी!
सोहनी और महिवाल
खेतों की हरियाली थी और नदिया की धार , वृक्षों की गवाही थी और सपनों का