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SwachhBharat

अपना देश

in poems

ये पुण्य भूमि है भारत की जहाँ कण कण में भगवान कल कल करती नदियाँ जिसका करती रहती गान इस धरती के कण कण में वीरो की है गाथायें अपना सर्वस्व लुटा देश पर मुस्काती है माताएँ जहाँ धैर्य लेता है वीरो की कठिन परीक्षा फिर भी अपराजित रहने का इतिहास रहा है जिसका गाँधी के…

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