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Sunshine

जीवन की साँझ

in poems

जीवन की साँझ और तन्हाईयो का डेरा सूरज की रोशनी पर है बादलो का घेरा मन मेरा कर रहा क्यूँ यादों के घर का फेरा राहों पे चलते चलते बड़ी दूर आ गये है कोई मुझे बताए घर का पता जो मेरा दम भर के साँस ले लूँ दुनिया शोर गुल का मेला ।

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