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Philosophy

महात्मा गांधी

in poems

गाँधी गाँधी कहते कहते, हम सत्य अहिंसा भूल गये, अपनी पीड़ा तो याद रही, पर पीर पराई भूल गए, अपने अधिकारों का परचम, हर दम लहराना याद रहा, पर स्व कर्म और राष्ट्र धर्म का, दीप जलाना भूल गये, शहीदों की तस्वीरों पर, फूल चढ़ाना याद रहा, पर भुला दिया आदर्शो को, जिनकी ख़ातिर वो…

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