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Life - page 2

नि:शब्द

in poems

नि:शब्द आज ये रात है, क्या आज नयी कोई बात है? क्यूं चांद तन्हा सा दिख रहा? तारे भी आज उदास है। क्या आज नयी कोई बात है? हां,….. तुम गये जो प्रवास को, कह गए आस की बात जो, हां, इस लिए मन यूं उदास है, हां, यहीं नयी वो बात है। जब साथ…

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वक्त का दरिया

in poems

सोचा था कि……., जब कभी वक्त नहीं होगा, एहसास की लहरों पर, मैं खुद को भिगो लूंगी । जब फूल भी ना होंगे तब खुश्क से मौसम में, पत्तों के खड़कने पर, संगीत बना लूंगी। पेड़ों पर आएगी, जब भी नयी तरुणाई, नव शब्द की माला से, नए गीत बना लूंगी। अब वक्त के बहते…

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मत भूलो

in poems

लिखित संविधान को, गणतंत्र के विधान को, मत भूलो, सशक्त करो। स्वाधीनता के अर्थ को, बलिदानी के रक्त को, मत भूलो,अनुरक्त बनो। हे भारत के वीर सपूतों, मत भूलो, उन भूलों को, जिनके कारण बर्बाद हुए, उन भूलों से ऊपर उठकर, फिर स्वर्णिम निर्माण करो।

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सड़क

in poems

खुली सड़क पर घूम रहा था, वो अनाथ बच्चा, मै बोली, तुम कुछ पढो,लिखो, यूं घूमना नहीं अच्छा । मै सड़क किनारे पला, बढ़ा, इस खुली सड़क पर सोता हूं। भूख से पिचका पेट लिए, भरने को इसे तरसता हूं। तुम बड़े लोग का पेट,जेब, हरदम रहता  है,भरा भरा, तभी तुम्हे तो दिखता है, हर…

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देश की मिट्टी

in poems

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तबस्सुम आपा

in Stories

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हे! नये साल

in poems

हे! नए साल, तू मुझे बता, क्या बात नयी होगी तुझमें ? क्या प्रात नयी होगी तुझमें ? या घात नयी होगी तुझमें ? क्या नए साल में, भूखों को तू रोटी दिलवाएगा ? या वृद्धों के आश्रम में तू, उनका बेटा लौटाएगा? सारी दुनिया जो जूझ रही, युद्धों को तू रुकवायेगा? या अनाचार की पीड़ा से, तू…

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अनकही सी बातें

in poems

कुछ अनकही सी बातें, जो कह रही हूं तुमसे, कम को अधिक समझना, ग़र हो सके जो तुमसे। तेरी बात में था मरहम, वो भी था इक ज़माना, अब काम का बवंडर, है व्यस्तता बहाना। प्रश्नो का है समंदर, और दर्द मेरे अंदर, बहने को है आकुल, ये सोच के हूं व्याकुल। परवाह तो है…

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मेरा गट्टू

in poems

मेरा है गट्टू खरगोश, देता है मन को परितोष , प्यार जताता, खुशी दिखाता, जब आती हूं ,घर को लौट, कान झटक और मटक मटक, जब चलता है तो लगता है , नन्हा सा कोई बच्चा यूं ही , मचल मचल कर चलता है , सुबह सवेरे सही समय पर, आकर मुझे जगाता है, जैसे…

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गुरु शिष्य संवाद

in Stories

१२ वर्ष तक गुरुकुल  में रह कर शिक्षा प्राप्त करने के बाद शिष्य के जब घर जाने का समय आया,तब शिष्य ने गुरुजी से पूछा,कि गुरुदेव कृपया सांसारिक जीवन को स्वर्ग जैसा सुखद बनाने का उपाय तो बताएं,ताकि जीवन में कष्ट का आगमन न होने पाएं। गुरु ने कहा,कि तुम जीवन के प्राकृतिक नियमों के…

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