जीवन संवाद
चलो आज फिर काव्य लिखें, जीवन का संभाव्य लिखें, चारो ओर बिखरे जीवन पर, फिर थोड़ा संवाद लिखें, जीवन जीतना गहरा है, उतना ही तो पहरा है, मुक्तिबोध के कुछ छन्दों का, फिर थोड़ा अनुवाद लिखे, युवा मन पर ग्रंथ लिखें, अनुशासन प्रबन्ध लिखें, व्याकुल मन की बेचैनी पर, प्रेम का अनुबंध लिखें, नए सिरे…