Tag archive

Lesson

अहिंसा के पुरोधा

in Blogs

अहिंसा को यदि एक शब्द का महाकाव्य कहा जाए, तो उसके अनेक छंद इसी शब्द से प्रगट हो सकते हैं। महात्मा गांधी अहिंसा का प्रथम मानव छंद है ।गांधी मानवता के अलंकार हैं । 2 अक्टूबर को इस महा मानव ने जन्म लिया था। संयुक्त राष्ट्र ने इस दिन को अहिंसा दिवस भी घोषित किया…

Keep Reading

आत्मानुशासन

in Blogs

स्वाधीनता सिर्फ एक शब्द नहीं, अनंत प्रतिक्षाओं,अनगिनत बलिदानों ,अतृप्त प्यास से उपजी एक जीवन यात्रा है। जिसमें विराम के लिए समय कहां ?स्वाधीनता के लिए तड़प की अलख यदि हमारे क्रांतिकारियों ने अपने खून देकर जगाई ना होती,तो हम और आप तो होते, लेकिन यह स्वाधीनता की सुगंध कहां होती? इस स्वाधीनता की सुगंध को…

Keep Reading

अंधकार से प्रकाश की ओर

in Blogs

संस्कृत भाषा में एक कहानी है, “तत् त्वम् असि” जिसमें ऋषि आरुणि अपने पुत्र श्वेतकेतु का अहंकार दूर करने के लिए उसे बरगद के बीज का दृष्टांत दिखाकर समझाते हैं, कि ‘एक बीज में विकास की अनंत संभावनाएं होती हैं, जो अनुकूल मिट्टी पानी और धूप पाकर विशाल वृक्ष का रूप ले लेती है। बीज…

Keep Reading

नि:शब्द

in poems

नि:शब्द आज ये रात है, क्या आज नयी कोई बात है? क्यूं चांद तन्हा सा दिख रहा? तारे भी आज उदास है। क्या आज नयी कोई बात है? हां,….. तुम गये जो प्रवास को, कह गए आस की बात जो, हां, इस लिए मन यूं उदास है, हां, यहीं नयी वो बात है। जब साथ…

Keep Reading

मत भूलो

in poems

लिखित संविधान को, गणतंत्र के विधान को, मत भूलो, सशक्त करो। स्वाधीनता के अर्थ को, बलिदानी के रक्त को, मत भूलो,अनुरक्त बनो। हे भारत के वीर सपूतों, मत भूलो, उन भूलों को, जिनके कारण बर्बाद हुए, उन भूलों से ऊपर उठकर, फिर स्वर्णिम निर्माण करो।

Keep Reading

देश की मिट्टी

in poems

Keep Reading

जीवन

in poems

फूलों के लघु जीवन से भी, सीखो और सिखाओ, जीवन आनंद बनाओ, जीवन को अपनाओ । क्या हुआ जो रूठ गया, सपना था गर टूट गया, फिर अपने सोए पौरुष को, एक बार आजमाओ, जीवन आनंद बनाओ, जीवन को अपनाओ। जंगल की सुंदरता देखो, और चिड़ियों का उपवन देखो, हर जीवन कितना सुंदर है, मन…

Keep Reading

हे! नये साल

in poems

हे! नए साल, तू मुझे बता, क्या बात नयी होगी तुझमें ? क्या प्रात नयी होगी तुझमें ? या घात नयी होगी तुझमें ? क्या नए साल में, भूखों को तू रोटी दिलवाएगा ? या वृद्धों के आश्रम में तू, उनका बेटा लौटाएगा? सारी दुनिया जो जूझ रही, युद्धों को तू रुकवायेगा? या अनाचार की पीड़ा से, तू…

Keep Reading

गुरु शिष्य संवाद

in Stories

१२ वर्ष तक गुरुकुल  में रह कर शिक्षा प्राप्त करने के बाद शिष्य के जब घर जाने का समय आया,तब शिष्य ने गुरुजी से पूछा,कि गुरुदेव कृपया सांसारिक जीवन को स्वर्ग जैसा सुखद बनाने का उपाय तो बताएं,ताकि जीवन में कष्ट का आगमन न होने पाएं। गुरु ने कहा,कि तुम जीवन के प्राकृतिक नियमों के…

Keep Reading

आस

in poems

घनघोर अमा में आस की, अन्तिम किरण अवशेष है, डूबती ही जा रही मानवता, आकण्ठ भ्रष्टाचार में, फिर भी तट पर उम्मीद का, नाविक अकेला शेष है।   पुरज़ोर ग़र प्रयास हो, इन्सानियत की बात हो, सत्य ही पर अड़ सके, भ्रष्ट हो तो लड़ सके, हर जुर्म का इंसाफ होगा, तब स्वर्णिम प्रभात होगा।

Keep Reading

Go to Top