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चैरेवेति

in poems

“चैरेवेति चैरेवेति” उपनिषदों का है, आख्यान। गुरु शिष्य परंपरा का, रखें हम सदा ही मान। अंधकार का तोड़े दम्भ, और बने प्रकाश स्तम्भ लक्ष्य भी प्रशस्त हो, ज्ञान भी सशक्त हो। प्रात हो या रात हो, ज्ञान की ही बात हो, पुनर्जागरण लाएं हम, स्वर्णिम देश बनाएं हम।

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सुनंदा बुआ

in Stories

सुनंदा बुआ, जिन्हें पूरा मोहल्ला इसी नाम से पुकारता था, यहां तक कि तीन पीढ़ियों तक के लोग यानि कि बाप, बेटे और  पोते सभी लोग उन्हें इसी नाम से जानते थे। किसी के घर की कितनी भी खुफिया जानकारी हो, सुनंदा बुआ के आंख,कान,नाक से छिप नहीं सकती थी। कोई कितना भी अपने घर…

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देश का चौकीदार

in poems

🔥 आग में तपकर ही सोना भी, अपना मूल्य बताता है। तेज धार पर घिस घिसकर ही, हीरा चमक दिखाता है। जीवन भी कुछ ऐसा ही है। जो हमको ये सिखाता है, संघर्ष आंच में तपकर मानव, उच्च शिखर पर जाता है। देश का सेवक बनकर जो, जनकल्याण कर पाता है। तभी तो ‘चौकीदार’ भी,…

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