जो जस करि………!
जब राम के बाणों से धराशाई रावण मरणासन्न था, तब राम ने लक्ष्मण से कहा, कि लक्ष्मण रावण अब कुछ ही देर का मेहमान है, उसके साथ उसका अमूल्य ज्ञान भी समाप्त हो जाएगा। इसके पहले तुम उसके पास जाकर उसके ज्ञान से स्वयं को आलोकित कर लो। जब लक्ष्मण रावण के सिरहाने जाकर खड़े…
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हिंदी भाषा की व्यथा
मैं हिंदी भाषा हूं ,आजकल कुछ उदास सी रहती हूं, क्योंकि मेरे अपनों ने मेरी परवाह करना छोड़ दिया है।
गुलाब का संदेश
मेरी बगिया का अधखिला गुलाब, नव ऊष्मा से पूरित गुलाब , कुछ मुस्काता सा बोल रहा, अपनी पंखुड़ियां खोल रहा,
हिन्दीभाषा ये पूछ रही..
आँखों में लिए प्रश्न बैठी ,इन्तज़ार की चौखट पर , वो समय कहाँ, कब आएगा ,जो मेरा भाग्य जगाएगा। हिन्दी