चंदा की लोरी
चंदा जब तुम निशाकाल में आना, मेरे प्यारे लल्ला को, लोरी गाकर सुनाना, जिसमें हो इस देश की बातें, देश के गौरव गान की बातें, षड् ॠतुओं की सौगातें, उसको तुम बताना, जब तुम निशा काल में आना । पर्वत नदियाँ झरनें सागर, पूरित जिनसे देश का गागर, निर्मल पावन रखने को, उसको तुम सिखाना,…