प्रेमाग्रह
इक मोहक सी मुस्कान लिए, मन में कुछ कुछ अरमान लिए, बोली आकर कुछ छूट गया, उत्साहित मन कुछ टूट गया, मेरे गुरु, शिक्षक, पथदर्शक, इस बाल दिवस पर अपने मुख से, कुछ अपने छंद कहो न ! इस प्रेमाग्रह से चकित हुई, थोड़ी थोड़ी पुलकित भी हुई, फिर उत्साहित हो बोल दिया, दिल का…