सपनों की दीर्घ वीथिका में,
अगणित रंगों के इंद्रधनुष,
लेकर आए ये नया साल ।
कुछ हास नए ,उल्लास नए ,
जीवन के कुछ अभिलाष नए,
है पलक पांवड़े बिछे हुए ,
स्वागत में तोरण सजे हुए,
आना तो खुशियां ले आना,
दुनिया के आंसू ले जाना,
इस वर्ष बहुत तड़पाया है,
दुनिया को कितना रुलाया है ,
हर कोई अब बेहाल हुआ,
देखो ना कैसा हाल हुआ।
जल्दी आओ ना नए साल,
दो दुनिया को खुशियां अपार।