याद आती हैं, बीती बातें,
खट्टी मीठी कड़वी यादें,
जीवन में आगे बढ़ते भी,
छूट कहां पाती हैं यादें।
प्रासंगिक होता जाता है,
अनुभव के दरिया में उतरना,
सार रहित होता जाता है,
चकाचौंध के बीच गुजरना।
जीवन के हर पल में कुछ तो,
मर्म छुपा होता है,इन्हें समझना,
आगे बढ़ना, व्यर्थ कहां होता है?
हर पल जीवन दे जाता है, नयी नयी सौगात,
आओ मिलकर, फिर बैठें और करें पुरानी बात।