जो मैंने कहा था,
वो आप ने सुना नही,
जो मैंने कहा नहीं,
वो आप ने सुना था।
रिश्तों के ये जो बाने हैं,
वो हमने खुद ही ताने है।
थोड़ा थोड़ा आगे बढ़कर,
रिश्तों के हिम को पिघलाएं,
मैं थोड़ा सा आगे आऊं,
वो थोड़ा सा पीछे जाएं,
फिर अपने इस तालमेल को,
ये दुनिया दृष्टांत बनाएं।