“चैरेवेति चैरेवेति”
उपनिषदों का है, आख्यान।
गुरु शिष्य परंपरा का,
रखें हम सदा ही मान।
अंधकार का तोड़े दम्भ,
और बने प्रकाश स्तम्भ
लक्ष्य भी प्रशस्त हो,
ज्ञान भी सशक्त हो।
प्रात हो या रात हो,
ज्ञान की ही बात हो,
पुनर्जागरण लाएं हम,
स्वर्णिम देश बनाएं हम।