हे! नए साल, तू मुझे बता,
क्या बात नयी होगी तुझमें ?
क्या प्रात नयी होगी तुझमें ?
या घात नयी होगी तुझमें ?
क्या नए साल में,
भूखों को तू रोटी दिलवाएगा ?
या वृद्धों के आश्रम में तू,
उनका बेटा लौटाएगा?
सारी दुनिया जो जूझ रही,
युद्धों को तू रुकवायेगा?
या अनाचार की पीड़ा से,
तू मुक्ति दिलवाएगा?
इस धरती के जीवन में तू,
कोई परिवर्तन लाएगा?
या सुखद आस की बातों से,
तू फिर छल के ही जाएगा?
“समय बहुत बलवान” की बातें,
बस सुनते ही आए हैं।
तेरा बल कब और कैसे?
दुनिया के दूख दूर भगाएगा?
हे! नए साल तू मुझे बता,
क्या चमत्कार कर पाएगा?
या कोरी बातों से ही,
दुनिया को बहलाएगा ।