मेरे स्वप्न अब भी है राह में ,
और मंजिलें इंतजार में,
ऐ खुदा! मुझे तू नवाज दे,
मेरे पंख को परवाज दे,
मैं किसी के स्वप्न को जी सकूँँ,
किसी और का दर्द भी पी सकूंँ,
मुझे ऐसी करुणा अपार दे,
जीवन का अर्थ निखार दें,
यह आत्मा की पुकार है ,
किसी के स्वप्न का सार है,
इस सार को तू संवार दे,
मुझे अपना तेज उधार दे।
जीवन में जो भी प्रहार है,
वो तेरा ही उपहार है,
शिकवा नहीं उपहार से,
न हीं तेरे प्यार दुलार से ,
बेचैन दिल को करार दे ,
मुझे ऐसी शक्ति अपार दे ,
मेरी मांँ को नींद उधार दे।