स्वच्छता था जीवन संदेश,
सहिष्णुता उनका मंत्र विशेष,
सत्य और अहिंसा के दम पर,
जिसने कराया राज्याभिषेक,
रक्तरंजित युद्धों को जिसने,
अहिंसा का पैगाम दिया,
असहयोग के शस्त्र से जिसने
सत्ता को भयभीत किया,
जन जन की आवाज था जो,
स्वतंत्रता की परवाज था जो,
विश्व पटल पर अंकित है,
जिसका स्वर्णिम इतिहास,
उसको दुनिया कहती है,
भारत का मोहनदास।