वंचित न हो दुनिया में,
कोई मौलिक अधिकारों से,
समानता की अलख जगाएँँ,
हम अपने व्यवहारोंं से,
वो युगद्रष्टा, वो राष्ट्रपिता,
वो करुणा का पालनकर्ता,
खादी जिसकी पहचान है,
जिसका जीवन दृष्टांत है,
उस गांधी के आदर्शों के,
हम फिर से दीप जलाएँँ ,
भ्रमित हुए युवा मन को,
हम रौशन पथ पर लाएं।